फोर्ड मोटर कंपनी के संस्थापक का नाम है, हेनरी फोर्ड। फोर्ड मोटर कंपनी एक अमरीकन बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जो मिकिगन के डियरबॉर्न जगह पर स्थित है। वह अधिक मात्रा में वाहन उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले एसेम्बली लाइन के जनक माने जाते है
फोर्ड मोटर कंपनी के संस्थापक का नाम है, हेनरी फोर्ड। फोर्ड मोटर कंपनी एक अमरीकन बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जो मिकिगन के डियरबॉर्न जगह पर स्थित है। वह अधिक मात्रा में वाहन उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले एसेम्बली लाइन के जनक माने जाते है, हालांकि उन्होंने एसेम्बली लाइन का अविष्कार नहीं किया था, परंतु फोर्ड पहली कंपनी थी जिसने ऑटोमोबाइल का निर्माण व विकास किया था और यह मध्यम वर्ग के लोगों के लिए वहन योग्य वाहन थी।
21वीं सदी के शुरूआत में वित्तीय संकट के दौरान, फोर्ड दिवालियापन के नजदीक पहुंच गई थी, परंतु उसके बाद से वह लाभ के साथ वापस आ गई।
फोर्ड दुसरी- सबसे बड़ी अमेरीकन कार निर्माता कंपनी है, पहले नंबर पर जनरल मोटर्स है। फोर्ड कंपनी 2010 में वाहन बिक्री के हिसाब से 5वीं सबसे बड़ी कंपनी है। 2010 के अंत तक, फोर्ड यूरोप में 5वीं सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी थी।
2009 में 118.3 बिलियन डॉलर तक के वैश्विक आमदनी के आधार पर फोर्ड ने 2010 के फॉर्च्युन 500 की सूची में 8वां स्थान प्राप्त किया था। 2008 में, फोर्ड ने 5.532 मिलियन ऑटोमोबाइल का निर्माण किया था और लगभग 213,000 कर्मचारियों को देश भरके 90 संयंत्रों के लिए कार्यरत किया था। फोर्ड मोटर कंपनी 1956 में सार्वजनिक हो गई थी।
20वीं सदी में फोर्ड मोटर कंपनी का सफर
हेनरी फोर्ड का कार कंपनी में पहला प्रयास 22 अगस्त 1902 में उनके खुद के नाम के अंतर्गत शुरू हुआ। आगे चलकर 22 अगस्त, 1902 में इसे केडिलैक मोटर कंपनी नाम दिया गया। फोर्ड मोटर कंपनी, 1903 में 12 निवेशकों की मदद से 28,000 डॉलर का निवेश करके एक परिवर्तित कारखाना के रूप में लॉन्च हुई थी।
शुरूआत के दिनों में कंपनी अपने मैक एवेन्यू कारखाना में एक दिन में कुछ ही कारों का निर्माण कर पाती थी और बाद में इसका कारखाना मिकिगन, डेट्रॉयट में पिकेट एवेन्यू में स्थापित हो गया। 2-3 सदस्यों का समुह प्रत्येक कार पर काम करते थे, वे अपूर्तिकर्ता कंपनियों द्वारा निर्मितपार्टों को इकट्ठा करके कार का निर्माण किया करते थे। कुछ सालों के बाद कंपनी ने एसेम्बली लाइन कॉन्सेप्ट का विस्तार व रिफाइनमेंट का सोचा और कुछ हि दिनों में कंपनी ने खुद के कारखाना में भी कार के पूर्जों का निर्माण शुरू कर दिया, यह इस सदी के लिए एक बेहतर कदम था।
हेनरी फोर्ड 39 साल के थे जब उन्होंने फोर्ड मोटर कंपनी की खोज की थी, और यह दुनिया की सबसे बड़ी और लाभदायक कंपनी बन गई।
1903 से 1908 के बीच फोर्ड ने मॉडल ए, बी, सी, एस, के, एन, आर और एस का निर्माण किया था। 1908 में कंपनी ने भारी मात्रा में मॉडल टी का निर्माण किया था, जिसे लाखों इकाइयों में बेचा गया था। 1927 में कंपनी ने मॉडल टी को मॉडल ए से रिप्लेस कार दिया, यह पहली कार थी जिसमें विंड्शील्ड पर सेफ्टी ग्लास लगाया गया था। 1932 में कंपनी ने कम कीमत पर वी8 इंजन द्वारा संचालित कार का निर्माण किया।
जनरल मोटर्स द्वारा पेश किए गए कारों- पोन्टैक, ओल्ड्समोबाइल और बीक साथ प्रतिस्पर्धा के लिए, फोर्ड कंपनी ने 1939 में उच्च कीमत पर कम्पेनियन कार मरकरी को पेश किया। हेनरी फोर्ड ने 1922 में लिंकन मोटर कंपनी को खरीद लिया ताकि वह ऑटो वाहन जगत के लक्जरी श्रेणी में कैडिलैक और पैकर्ड के साथ प्रतिस्पर्धा में रह सके।
फोर्ड कंपनी ने 1964 में, फोर्ड मस्टंग कार को पेश किया। 1965 में, कंपनी ने सीट बेल्टरिमाइंडर लाइट को पेश किया था।
1980 के बाद से, कंपनी ने दुनिया की सबसे सफल वाहनों का निर्माण करना शुरू कर दिया था। 1980 के दौरान, कंपनी ने एक विज्ञापन नारा की शुरूआत की थी, “हैव यू ड्रीवेन ए फोर्ड, लेटली?” (“क्या आपने हाल में फोर्ड को चलाया है?”)। इस विज्ञापन नारा को शुरू करने का उद्देश्य था नए ग्राहकों को अपने ब्रांड से अवगत कराना।
1990 और 1994 के दौरान क्रमश:, फोर्ड ने जगुआर के कारों और एस्टन मार्टिन का भी अधिग्रहण कर लिया। 1990 के मध्य और अंत के दौरान, बढते शेयर बाजार और कम ईंधनों के कीमत के साथ तेजी से बढती अमेरीकन अर्थव्यस्था के वजह से, फोर्ड ने भारी मात्रा में वाहनों की बिक्री शुरू कर दी थी।
नई सदी के आरंभ ने, स्वास्थ्य देखभाल की लागत, उच्च ईंधन की कीमतों, और हीन अर्थव्यवस्था ने शेयर बाजार में गिरावट, कम लाभ की गुंजाइश जैसी स्थिति पर लाकर कर दिया। कंपनियों की अधिकांश लाभ, फोर्ड मोटर क्रेडिट कंपनी द्वारा वित्तपोषण उपभोक्ता को ऑटोमोबाइल ऋण के रूप में दिये गये क्रेडिट के वजह से था।
21वीं सदी में फोर्ड मोटर कंपनी का सफर:
2005 से, फोर्ड और जनरल मोटर्स इंडिया का कारपोरेट बॉन्ड एक जंक स्थिति में पहुँच गया था। उच्च स्वास्थ्य देखभाल की लागत, बढती गैसोलीन की कीमत, गिरती मार्केट शेयर, और एसयूवी की कम बिक्री पर निर्भरता के वजह से बड़ी वाहनों के बिक्री से मिलने वाले लाभ काफी कम हो गये थे।
2005 के बाद, चेयरमैन बिल फोर्ड ने फोर्ड अमेरीकन डिवीजन के नव नियुक्त अध्यक्ष, मार्क फिल्ड्स को ऐसी योजना बनाने के लिए कहा जिससे कंपनी फिर से लाभ प्राप्त कर सके। फिल्ड्स ने 7 दिसंबर, 2005 को एक बोर्ड मीटिंग के दौरान “दि वे फॉरवार्ड” (बढती कदम की ओर) नाम की योजना का पूर्वावलोकन किया और 23 जनवरी, 2006 को सार्वजनिक तौर पर इस्का अनावरण किया।
“दि वे फॉरवार्ड” के तहत कंपनी ने कंपनी का बाजार की वास्तविकताओं से मेल के लिए, कंपनी का आकार बदला, उत्पादन लाइनों को मजबूत बनाने हेतू 14 कारखानों को बंद कर दिया, कुछ लाभहीन और अक्षम मॉडलों को बंद कर दिया और 30,000 नौकरियों में भी कटौती की।
कार निर्माता ने बताया कि कंपनी के इतिहास में 12.7 बिलियन डॉलर का सबसे बड़ा नुकसान 2006 में हुआ है और कंपनी 2009 से पहले फिर से लाभ में वापस नहीं आ पाएगी। हालांकि, फोर्ड ने 2007 की दुसरी तिमाही में हि 750 मिलियन डॉलर तक लाभ प्राप्त करके वॉल स्ट्रीट को चौंका दिया। लाभ के बावजूद, कंपनी ने इस साल को 2.7 बिलियन डॉलर का नुकसान पाया।
2 जून, 2008 को, फोर्ड ने जगुआर और लैंड रोवर का परिचालन टाटा मोटर्स कंपनी के हाथों 2.3 बिलियन डॉलर रकम के साथ बेच दिया। जनवरी, 2009 में फोर्ड कंपनी को 14.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो कि कंपनी के नुकसान में एक रिकॉर्ड था। कुछ महीनोंबाद हि कंपनी ने अपने परिचालन की निधि के लिए पर्याप्त तरलता को वापससे पा लिया।
अप्रैल 2009 के दौरान, फोर्ड ने नकदी स्थित का लाभ उठाने के लिए, इक्विटी बाजार के कर्ज से 9.9 बिलियन डॉलर की कटौती कर दी। फोर्ड के इन कार्यों के वजह से 2009 वित्तीय वर्ष के दौरान, कंपनी ने 2.7 बिलियन डॉलर का लाभ प्राप्त कर लिया। यह लाभ कंपनी की पहली पूरे 4 साल के दौरान प्राप्त की गई लाभ थी।
2012 में, कंपनी का कॉर्पोरेट बॉन्ड फिर से, जंक से निवेश के तरफ चला गया जो कि टिकाऊ और स्थायी सुधार के साथ चलता गया।
29 अक्टूबर, 2012 को फोर्ड ने डेट्रॉयट थर्मलसिस्टम एलएलसी के हाथों एक अज्ञात कीमत पर अपनी जलवायु नियंत्रण कंपोनेंट व्यापार, पिछली शेष मोटर वाहन कंपोनेंट ऑपरेशन की बिक्री की घोषणा की।
1 नवंबर, 2012, को फोर्ड ने घोषणा किया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मुलल्ली कंपनी के साथ 2014 तक रहेंगे। फोर्ड ने यह भी कहा कि मार्क फिल्ड, अमेरीका में परिचालन के अध्यक्ष, अब नए मुख्य परिचालन अधिकारी होंगे। फोर्ड के सीईओ, मुलल्ली को उनके पिछले 7 सालों में लगभग 174 मिलियन डॉलर तक का नुकसान भरपाई करना पड़ा था।