Home इंटरनेशनल न्यूज उत्सर्जन स्कैंडल(घोटाला) : मेक्सिको के फॉक्सवैगन पर 8.9 मिलियन डॉलर का जुर्माना

उत्सर्जन स्कैंडल(घोटाला) : मेक्सिको के फॉक्सवैगन पर 8.9 मिलियन डॉलर का जुर्माना

by कार डेस्क
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मेक्सिको के वातावरण अभियोक्ता, प्रोफेपा ने एक संवाद में कहा, “ जर्मन कार निर्माता पर ‘उचित उत्सर्जन और शोर स्तर प्रमाणीकरण’ परमिट प्राप्त किया बिना 45,494 वाहनों की बिक्री और आयात के लिए उस पर 8.9 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।

मेक्सिको के वाहान निर्माता परिवार पर लगाए गए जुर्माना में शामिल निम्न कारें हैं- ऑडीबेंटलेपोर्शएसइएटी, और निश्चित तौर पर फॉक्सवैगन(वीडब्ल्यू)। सभी प्रभावित मॉदलें 2016 के मॉडलों में शामिल है।

दिसंबर 2015 की निरीक्षण में, एजेंसी ने यह खोज किया कि ये वाहनें एनओएम वातावरण अनुपालन की जिन दो प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने में असफल रही थी उनमें से एक हाइड्रोकार्बन, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और नई कारों के एक्जहौस्ट पाइप से निकलने वाले कणों की उच्चतम स्वीकार्य स्तर को निर्धारित करती है।

वातावरण प्राधिकारी द्वारा मेक्सिको की फॉक्सवैगन पर 8.9 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना इसलिए अंकित किया गया है क्योंकि यह देश में हजारों कारों के आयात की जरूरतमंद अनुमति प्रमाणपत्र प्राप्त करने में असफल हो गई थी।

पिछले वर्ष की सितंबर माह में, वातावरण के सचिव, रैफेल पैचिआनो ने कहा, “मेक्सिको फॉक्सवैगन द्वारा 2009 में बेचे गये वाहनों के उत्सर्जन प्रामाणपत्र की समीक्षा करेगा। उनकी समीक्षा का कारण इस बात का सत्यापन करना है कि उन वाहनों ने देश की मानकों का अनुपालन किया है या नहीं।

उस जांच की शुरूआत तब हुई जब फॉक्सवैगन को इस बात का पता चला कि 2008 के बाद अमरीका में बेचे गये 2.0 लीटर की डीजल इंजन चालित ऑडी, पोर्श, और फॉक्सवैगन सहित लगभग 500,000 वाहनों में डिफिट उपकरणों को स्थापित किया गया था। अ

मरीका के पर्यावरण संरक्षण एजेंसी(इपीए- एन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी) ने पिछले सितंबर माह कार निर्माताओं को उपकरण के रूप में खराब रेगूलेटर उपयोग करने पर आरोपित किया था।

उन इंजनों के सॉफ्टवेयर का पता तब चला जब जांच लैब में उत्सर्जन की जांच के दौरान उत्सर्जन नियंत्रण को ऑन किया जा रहा था।

जब उन सभी वाहनों को सामान्य स्थिति में चालाया गया तो, नियंत्रक बंद हो गये और संयुक्त राज्य अमरीका में कानूनी तौर पर नाट्रोजन के स्वीकार्य स्तर से ज्यादा, 40 बार नाइट्रोजन का उत्सर्जन हो रहा था, जो धुंध और अम्ल वर्षा के गठन में योगदान दे रहे थे।