सरकार के राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने भारत की सड़कों पर चलने वाली कारों और एसयूवी पर बुल-बार पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के परिवहन आयुक्तों को एक पत्र भेजा है, और उन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिसपर बुल-बार मौजूद हैं।
मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 52 के अनुसार बुल-बार अवैध हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 और 191 के तहत वाहनों पर बुल-बार का उपयोग करने पर दंड लगाया जा सकता है।
अगले कुछ दिनों में, भारत में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस कर्मी बुल-बार के खिलाफ सख्त कदम उठा सकते हैं। वे बुल-बार चलाने के लिए ड्राइवरों पर भारी दंड लगा सकते हैं और वाहनों से इन खतरनाक सहायक को हटा सकते है। कुछ साल पहले, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में चलने वाली कारों पर विंडो टिंट्स को अवैध करार दे दिया था।
सबसे पहले, एयरबैग से लैस कार पर बुल-बार को फिट करने से दुर्घटना के दौरान एयरबैग की खुलने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस तरह की परिस्थिती में आप को गंभीर चोट लग सकती है।
बुल-बार का एक और बड़ा अलाभ यह है कि, बड़ी दुर्घटनाओं के दौरान, यह कार के चेसिस को भारी नुकसान पहुंचा सकता है और कार के क्रैम्पल जोन को ठीक से कार्य करने से रोक सकता है। इसके कारण गंभीर चोटें, या यहां तक कि मौत भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, छोटे-छोटे दुर्घटनाओं के दौरान भी बुल-बार के कारण अत्यधिक चोटे या पैदल चलने वालों की मौत भी हो सकती है।
यदि आपके पास कार या एसयूवी है, जो की बुल-बार / बुल-गार्ड के साथ सुसज्जित है, तो यह सलाह दी जाती है कि आप जल्द से जल्द इसे हटा दें। बुल-बार / बुल-गार्ड आपके वाहन के बंपर को छोटे से खरोंच से बचा सकते हैं, लेकिन इनके कई नुकसान भी हैं। उनमें से कुछ आपकी व्यक्तिगत सुरक्षा, और साइकिल चालकों, दोपहिया सवार और पैदल चलने वालों जैसे साथी सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं।