हम आपका परिचय करवाने जा रहे हैं 80 व 90 के दौर की कुछ मशहूर भारतीय कारों से। हो सकता है कि आप उनमें से कुछ कारों से परिचित भी हों। तो चलिए, जानकारी लेते हैं:-
एच एम कोन्टेसा:-
एच एम यानि कि हिंदुस्तान मोटर्स के द्वारा निर्मित एच एम कोन्टेसा 1983 में आई थी। वहीं,यह कार भारतीय बाज़ार में एक लग्ज़री कार मानी जाती थी। इस कार का प्रोडक्शन 2002 में बंद कर दिया गया। यह कार जी एम वॉक्सहॉल विक्टर फे से प्रेरित होकर बनाई गई थी।
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मारुति 800:-
यह कार भारत के बड़े से लेकर छोटे शहरों तक देखी गई थी। इस कार का निर्माण 1983 से 2014 तक, मारुति सुज़ुकी कंपनी ने किया। इसमें 800 सी सुबुकी का एफ-8 बी इंजन लगा हुआ था। वहीं मारुति 800 उत्पादन की दृष्टि से, दूसरे नंबर पर थी।
हिंदुस्तान एम्बेसडर:-
यह बहुचर्चित कार भारत में हिंदुस्तान मोटर्स के द्वारा निर्मित कि गई थी। यह 1958 से 2014 तक नज़र आई थी। वहीं, मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज़-3 मॉडल पर बेस्ड यह कार, भारत की पहली कार भी मानी जाती है। जिसे कि स्टेटस सिंबल के रूप में भी माना जाता है।
प्रीमियर पद्मिनी:-
इस कार को 1964 से 2000 तक प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स लिमिटेड के द्वारा बनाया गया था। यह कार मूलतः एक फ़िएट कार थी। इसके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हिंदुस्तान एम्बेसडर व स्टैंडर्ड हेराल्ड थे।
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टाटा सिएरा:-
टाटा सिएरा व टाटा सिएरा टर्बो, तीन डोर वाली एसयूवी थी। इसे टाटा मोटर्स ने बनाया था। यह पूर्णतः भारत में ही डिज़ाइन व निर्मित की गई थी। यह 1.9 लीटर टर्बो-डीज़ल के द्वारा संचालित थी।
टोयोटा क्वालिस:-
1999 में बड़े पैमाने पर इसके आगमन कि घोषणा की गई थी। भारतीय बाज़ार में टोयोटा क्वालिस ने टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड-2000 में टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन व किर्लोस्कर ग्रुप के संयुक्त प्रोडक्शन में हिस्सेदारी की थी।
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मारुति ज़ेन:-
इस हैचबैक कार को मारुति सुज़ुकी ने 90 के दशक में बनाया था। हमारे देश में इसने खासी लोकप्रियता भी पाई थी। इसके नेमप्लेट ‘ZEN’ को 1993 में पेश किया गया था। जिसका शाब्दिक अर्थ ज़ीरो इंजन नॉइज़ था।
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देवू मतीज़:-
इस कार का प्रोडक्शन 1998 में शुरू हुआ था। वहीं यह कार अगले चार साल तक यूरोप व भारतीय बाज़ार में सबसे ज्यादा बिकने वाली देवू मॉडल भी थी।
टाटा इंडिका:-
टाटा मोटर्स द्वारा इसे 1998 में पेश किया गया था। वहीं इसे सुपर मिनी कार भी कहा गया था। साथ ही भारत में निर्मित यह पहली यात्री(पैसेंजर) कार भी मानी जाती है।
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टाटा सूमो:-
टाटा मोटर्स के द्वारा सूमो को 1994 में लॉन्च किया गया था। 2004 में इसे काफी प्रसिद्धि भी मिली थी। बाद में इसे सूमो बिस्टा के नाम से जाना गया।
मारुति एस्टीम:-
इस कार के शुरू के मॉडल में 65 एच पी(48 के डब्ल्यू) कारब्यूरेटेड इंजन था। लेकिन उसे बदलकर 85 एच पी(63 के डब्ल्यू) फ्यूल-इंजेक्टेड़ 16-वाल्व यूनिट में, वर्ष 1991 में कर दिया गया था। वहीं, भारत में इस कार ने काफी सफलता भी पाई थी।
उम्मीद है कि यह जानकारी आप सभी को पसंद आई होगी।