हम आपको बताने जा रहे हैं वाहनों में प्रयोग होने वाले एयर बैग के बारे में। जोकि अप्रैल 2021 से आगे की दोनों सीटों के लिए अनिवार्य होगा। तो चलिए चर्चा को आगे बढ़ाएं:-
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नए नियम:-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नए नियम के तहत एयरबैग का प्रयोग आगे की दोनों ही सीटों के लिए लागू होगा। वहीं पहली अप्रैल या उसके बाद से नए निर्मित किए गए वाहनों के लिए यह मान्य होगा। पर, पुराने वाहनों के लिए यह 31 अगस्त 2021 से मान्य होगा। इसके लिए मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
सुरक्षा:-
जैसा कि हम सब जानते हैं कि एयरबैग एक पूर्ण सुरक्षा फीचर है। जोकि दुर्घटना से हमारी रक्षा करता है। वहीं वाहन के टक्कर लगने की स्थिति में एयरबैग गुब्बारे की भांति खुलता है व आगे बैठे हुए यात्रियों को डैशबोर्ड या स्टियरिंग से टकराने से रोकता है।
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कार्य:-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वाहनों के बम्पर पर एक इम्पैक्ट सेंसर लगा होता है। जैसे ही वाहन किसी चीज से टकराती है तो इस इम्पैक्ट सेंसर के द्वारा एक लाइट वेव/तरंग एयरबैग के सिस्टम तक पहुँच जाता है। वहीं एयरबैग के अंदर भर हुआ केमिकल सोडियम अजाइड गैसीय अवस्था में आकर फैलता है। जिससे कि एयरबैग फूलकर बाहर आती है और इस प्रकार हमारी रक्षा होती है।
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निर्माण:-
एयरबैग कॉटन से बनते हैं। जिसपर सिलिकॉन की कोटिंग होती है। वहीं हमारे देश में Rane Madras सबसे बड़ी एयरबैग निर्माता कंपनी है। साथ ही Bosch भी इसका निर्माण करती है।
प्रभाव:-
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इस नियम के लागू होने से यह माना जा रहा है कि हैचबैक गाड़ियों के कीमतों में 5,000 से 8,000 रुपए तक का इजाफ़ा देखा जा सकता है। क्योंकि वाहन कंपनियों को अब एक अतिरिक्त एयरबैग देने होंगे। वैसे अब तक केवल टॉप वेरीयंट्स में ही ड्यूल एयरबैग्स दिए जाते थे। वहीं यह एयरबैग्स ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 145 के मानकों के अंतर्गत निर्मित होने चाहिए।
जाहिर है कि इससे आगे बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा बढ़ जाएगी व ड्राइवर के साथ वाली फ्रंट सीट भी पहले की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित होगी।