यदि आपने भी नई कार खरीदी है तो कुछ बातों को जानना जरूरी है। जैसे कि सबसे पहले कंपनी के द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन हमें अवश्य करना चाहिए। साथ ही, कार की उचित देखभाल भी करनी चाहिए। तो चलिए विस्तार से जानकारी लें:-
दूरी:-
जैसा कि हम सब जानते हैं एक नई कार, एक निर्धारित दूरी तय करने के बाद ही सर्विसिंग के लिए जाती है। जोकि 1,000 किलोमीटर की दूरी होती है। वहीं कार विशेषज्ञों के मुताबिक, 2,500 किलोमीटर कि दूरी तय करने के बाद ही, नई कार के सभी पार्ट्स सेट हो पाते हैं व बेहतर परफ़ॉर्मेंस दे पाते हैं।
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ऑइल:-
एक बेहतर ऑइल यानि कि कंपनी के द्वारा निर्धारित ऑइल का या फिर मिनरल ऑइल का ही प्रयोग करें। वहीं सिंथेटिक ऑइल का इस्तेमाल, आपकी नई कार के पार्ट्स के परफ़ॉर्मेंस को स्लो कर देता है। इसलिए हमें नई कार के 5,000 किलोमीटर तय करने के बाद ही, सिंथेटिक ऑइल का इस्तेमाल करना चाहिए।
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सर्विसिंग:-
हमें पता होना चाहिए कि एक नई कार की पहली सर्विसिंग कम-से-कम 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ही करवानी चाहिए। इसके तहत कार के मोबिल को बदला जाता है व कुछ सामान्य-सी टेस्टिंग के बाद कार को हम वापस ल सकते हैं।
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स्पीड:-
नई कार को एक निर्धारित स्पीड तक ही ड्राइव करें। क्योंकि कार निर्माता कंपनियों के अनुसार, फूल स्पीड या ज्यादा स्पीड में नई कार को नहीं चलाना चाहिए। शुरू में या फिर पहली सर्विसिंग से पहले कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटा कि स्पीड तक ही नई कार को रफ्तार दें।
गियर:-
एक ही गियर में ज्यादा देर तक हमें अपनी नई कार को ड्राइव नहीं करना चाहिए। बल्कि गियर को शिफ्ट करते रहना चाहिए। साथ ही, ज्यादा बढ़े हुए गियर के साथ भी कार को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। क्योंकि इससे ट्रांसमिशन बॉक्स पर असर पड़ सकता है।
सही राइड:-
अपनी नई कार के इंजन पर हमें ज्यादा प्रेशर नहीं डालना चाहिए। इसके लिए क्लच को दबाकर, बेवजह एक्सेलेटर का ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहिए।
रेंज:-
हमें पेट्रोल कार के लिए 1,000 किलोमीटर तक 2500 आर पी एम की रेंज रखनी चाहिए। उसके बाद ही 3,000 या, उससे ज्यादा आर पी एम पर कार को रफ्तार दे सकते हैं। वहीं डीज़ल कार में 1500 किलोमीटर तक 2000-2500 आर पी एम के रेंज को निर्धारित करना चाहिए