महिंद्रा ने आखिरकार अपनी पहली मोनोकॉक एसयूवी को नया रूप दिया है जिसमे एक नये रूप रंग के साथ अधिक सुविधाओ का समावेश किया गया है। चीते के लुक वाला आगे का भाग अब अधिक साफ बनाया है जबकी पहले वो कुछ दबा हुआ सा नज़र आता था ।
महिंद्रा एक्सयूवी 500 को 2011 में 10 से 20 लाख के एसयूवी खंड में अंतराल को भरने के लिए विकसित किया गया था। इस खंड मे जहां खरीददार एक प्रीमियम ब्रांड की तलाश शुरु कर देता है; एक भारतीय ऑटो निर्माता के लिए यह एक साहसी कदम था।
कार को नामचीन सफलता भी मिली थी और महिन्द्रा ने अपने लॉन्च के 16 महीनों में ही एक्सयूवी 500 के 50,000 यूनिट बेच डाले थे ! वास्तव में, 4 वर्षों में किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव के बिना भी महिंद्रा इस कार के लगभग 3,000 यूनिट बेच रहा था। कोई भी कार जो दस लाख रुपये से ऊपर की कीमत वाली थी, कभी भी इस तरह के बिक्री के आंकडे नहीं छू पाई थी।
महिंद्रा ने आखिरकार अपनी पहली मोनोकॉक एसयूवी को नया रूप दिया है जिसमे एक नये रूप रंग के साथ अधिक सुविधाओ का समावेश किया गया है। चीते के लुक वाला आगे का भाग अब अधिक साफ बनाया है जबकी पहले वो कुछ दबा हुआ सा नज़र आता था । मूल आकार जहाँ पहले के समान है; बोनट कुछ ज्यदा क्लीन नज़र आता है । नई ग्रिल लगाई गई है जो कुछ कुछ स्कोर्पिओ की ग्रिल जैसी लगती है । हेड्लाइट भी नई है और उसमें “ज़ेड” आकार की एल ई डी लाइट भी हैं । फ्रंट बम्पर भी नया है जो इस बार काफी सटीक लगता है ।
वाहन की सवारी की गुणवत्ता में बदलाव का सबसे बड़ा फर्क पड़ा है। एक मोनोकोक निर्माण होने के बावजूद इस गाड़ी में उछाल और झुलाव मह्सूस होता है जो कि सीढ़ीनुमा फ्रेम पे बनी गाड़ियों में आमतौर पर देखा जाता है। सस्पेंशन सेटअप को उच्च गति क्षमता पर विशेष ध्यान देने के लिए और एक स्पोर्टियर सवारी महसूस करने के लिए बदल दिया गया है। लेकिन इससे ऐसा नहीं है कि यह मुश्किल ड्राइव हो गई है, भारतीय खरीदार अभी भी इसे उतना ही आरामदायक महसूस करेंगे।
मूल डिजाईन को ग्राहकों ने बहुत पसंद किया था, लेकिन बहुत लोगों ने ओवेरस्टायल्ड होने के कारन उसे नापसंद भी किया था। नई एसयूवी में डिजाईन वही है लेकिन, हेडलाइट्स और फ्रंट ग्रिल पर एक काले रंग की लाइन करने से कार के स्वरूप को और अधिक उन्नत किया है।
नया हेडलैंप बहुत अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया है और उसमें नये घुमाव वाले प्रोजेक्टर लेंम्प लगाये गये हैं । यह अत्याधुनिक और परिष्कृत दिखता है, जो बहुत सारे गुणवत्ता और डिज़ाइन के विस्तार के माध्यम से चमकता है। महिंद्रा ने क्लस्टर एलईडी डिज़ाइन में बदलाव न करते हुए पुराने वाले डिजाईन के साथ जारी रखने का फैसला किया है हांलाकि उसने इसे “डे टाइम रनिंग” एलईडी ना बना के पार्किंग लाइट की तरह बनाया है । ऑटोमेटिक बाहरी मिरर पे नई लाइट लगाई है जो महिंद्रा का लोगो प्रोजेक्ट करता है और रात में काफी शानदार लगता है ।
अंदरूनी केबिन को एक पूरा अलग रूप दिया गया है । नया काला और हल्के बादामी रंग़ का इंटीरियर बहुत अच्छा दिखता है, और फिटिंग और फिनिशिंग भी काफी हद तक बेहतर है जिसमें पहले के मॉडल में सस्ती प्लास्टिक की तरह दिखने वाले बीच के पॅनल जैसा कुछ नही है।
स्पोर्टी एल्यूमीनियम पैडल और नीले बैकलाइटिंग (पहले लाल के स्थान पर) ने भी नए अनुभव को बेहतर बनाने में मदद की है। विस्टियॉन द्वारा बनाये गये 7 इंच के टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम को काफी महत्वपूर्ण रूप से फिर से बनाया गया है। टच इंटरफ़ेस काफी आसान है और इसमें रियर-व्यू कैमरे के लिए भी एक डिस्प्ले जोड़ा गया है।
महिंद्रा ने ब्लू सेंस ऐप को अपडेट किया है और इसके द्वारा अब यात्री अपने फोन को इससे जोड़ कर म्यूजिक सिस्टम को और एसी को चला सकते हैं जिससे की अब ये ड्राइवर द्वारा चलाने पर भी बैठ्ने वाले को कंट्रोल करने की सुविधा देता है। नए एक्सयूवी का चौथा और श्रेणी में टॉप डब्ल्यू10 वैरियेंट भी होगा जिसमें कीलेस एंट्री और ऑटोमेटिक सन रूफ (छत की खिड़्की) की सुविधा भी होगी साथ ही साथ सीट को 6 तरह से एड्ज्स्ट किया जा सकेगा।
टकनीकि के अंतर्गत इसमें भी वही 2.2 लीटर, एमहॉक डीजल इंजन होगा जो 140 बीएचपी और 330 एनएम का टॉर्क बनाता है। हालांकि, महिंद्रा ने ड्राइव योग्यता में सुधार के लिए कुछ बदलाव किए हैं। सस्पेंशन के रूप में अच्छी तरह से अनुकूलित किया गया है और एक सुधरा हुआ इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता प्रणाली (ईएसपी) लगाई गई है।
डब्ल्यू10 मॉडल ब्रेक ऊर्जा का पुन:उत्पादन करता है, जबकि एआरएआई ईंधन कुशलता 15.1 से 16 किमी प्रतिलीटर तक बढ़ गई है। यहां पर याद दिला दें कि यह महिंद्रा की पहली एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल) है जिसमें आड़ा (पूर्व-पश्चिम) अभिन्यास का इंन्जन लगाया गया था जो कि ठेठ अगली पहियों द्वारा ड्राइव होने वाली कारों जैसा ही है।
किसी भी बड़े डीजल ईंजन की ही तरह, एम हॉक इंजन भी उत्कृष्ट टॉर्क (त्वरण) देता है। एक्सयूवी 500 एक हाईवे क्रूजर जरूर है, लेकिन शहर में भी इसके टॉर्क की डिलीवरी बेजोड़ है। सड़क पर इसका प्रदर्शन शानदार है; ये ओवरटेकिंग बिना किसी दिक्कत के कर सकती है और एक्सयूवी 500 आसानी से पूरे दिन 100 किमि प्रति घंटा से ऊपर की गति पर यात्रा कर सकता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि छठा गियर लंबी दूरी में आरामदायक साबित होता है। इसमें क्रूज नियंत्रण को भी शामिल किया गया है जो कि 40 किमी / घंटा की न्यूनतम गति पर लगाया जा सकता है और आप स्टीयरिंग कंट्रोल का उपयोग करके क्रूज नियंत्रण के अंतर्गत गति को 100 किमि प्रति घंटा तक ही बढ़ा सकते हैं। भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, 100 किमी प्रति घंटा क्रूज नियंत्रण प्रणाली के लिए एक समझदार सीमा है।
न्यू एज एक्सयूवी 500 बाहरी तरफ से अधिक परिपक्व और सधी हुई लगती है और जबकी अंदर का नया काले और हल्के बादामी रंग़ का इंटीरियर एक प्रीमियम अहसास देता है। अंदरूनी प्लास्टिक की गुणवत्ता, फिटिंग और फिनिशिंग अभी भी लगभग पूर्व रूप के समान ही है।
एक बड़े स्क्रीन के साथ इंफोर्टेन्मेंट सिस्टम पूरी तरह से नया और सुंदर है। कुल मिला कर एक्सयूवी का पूर्णतया नया रूप, एक्सयूवी को एक सक्षम क्रॉसओवर के रूप में पेश करता है और महिंद्रा ने ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं के अनुसार काफी कुछ चिंताओं को संबोधित करने का एक उचित काम किया है।