स्कोडा का भारतीय बाजार में मह्त्त्वपूर्ण स्थान है। स्कोडा देश में एक प्रीमियम ब्रांड है और उनके पास केवल ऐसे उत्पाद हैं, जो की उस बाजार को पूरा करते हैं। वर्तमान में, बिक्री पर स्कोडा की सबसे सस्ती कार रैपिड है, जो की वेंटो के साथ अपना प्लेटफॉर्म शेयर करती है।
स्कोडा की पहले फेबिया हैचबैक बिक्री पर थी, हालांकि इसे बंद कर दिया गया था क्योंकि फेसलिफ्टिड फेबिया एमक्यूबी प्लेटफॉर्म पर थी। वीडब्ल्यू ग्रुप टाटा मोटर्स के साथ अपने कम लागत के वाहनों के साथ टाई अप करने की योजना बना रही थी, लेकिन अब यह नहीं हो रहा है और कंपनी अब अन्य विकल्पों की तलाश कर रही है।
स्कोडा अब विकासशील बाजारों के लिए एक नई सस्ती कार विकसित करने पर विचार कर रही है। उनके पास अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहले से ही प्रस्ताव पर सीटिगो हैचबैक है, लेकिन इसके भारत आने की संभावना नहीं है। यह नई मॉडल 2020 तक भारत में आएगी।
हाल ही में रिपोर्ट मिली थी कि वीडब्ल्यू ग्रुप एमक्यूबी प्लेटफॉर्म को छोटे वाहनों में लाएगी। वर्तमान में, औरंगाबाद संयंत्र एकमात्र जगह है, जहां एमक्यूबी वाहनों को निर्मित किया जा सकता और ऑक्टेविया और टिगुवान वहाँ निर्मित हुए हैं। चाकान फेसिलिटी में कंपनी के छोटे वाहनों का उत्पादन होता है, जो की वर्तमान में एमक्यूबी प्लेटफॉर्म के साथ संगत नहीं है।
टाटा और वीडब्ल्यू ग्रुप, टाटा के एएमपी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने पर योजना बना रहे थे, फिर भी वांछित मानदंडों को पूरा करने के लिए वीडब्ल्यू के लिए लागत ज्यादा था और इसलिए उन्होंने भारत में स्वंय ही एमक्यूबी प्लेटफॉर्म लाने पर विचार शुरू कर दिया है।
भारत के लिए एमक्यूबी लाना का मतलब है की नई पोलो, गोल्फ और आगामी एसयूवी के जैसे कई उत्पाद मिल सकते है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि स्कोडा फैबिया ला सकती है और हम छोटे उत्पाद भी प्राप्त कर सकते हैं।