टोयोटा, दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता वाले ताज को खोने के खतरे में है, क्योंकि इस वर्ष टोयोटा के वाहनों की बिक्री जर्मन कार निर्माता प्रतिद्वंदी कंपनी फॉकसवैगन के वाहनों से कम हुई है। नए आंकड़ें को गत गुरूवार को दर्शाया है।
टोक्यो : टोयोटा, दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता वाले ताज को खोने के खतरे में है, क्योंकि इस वर्ष टोयोटा के वाहनों की बिक्री जर्मन कार निर्माता प्रतिद्वंदी कंपनी फॉकसवैगन के वाहनों से कम हुई है। नए आंकड़ें को गत गुरूवार को दर्शाया है।
जापानी कार निर्माता, टोयोटा, जिसने 4 साल से ‘दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी’ का टाइटल अपने नाम कर रखा था, उसे 2016 के पहले छ: महिनों में फॉक्सवैगन से मात खानी पड़ी है, इसका कारण उत्तरी अमेरीका में बिक्री में हुई गिरावट और आपदा से जुड़े कारखानों में ठहराव के वजह से उत्पादन में हुई कमी है।
कैमरी और प्रियस ने 6 महिनों में एक साथ मिलकर 4.99 मिलियन वाहनों की बिक्री की है, जो कि समान महिने में पिछले साल की तुलना में बहुत कम है।
समान अंतराल में फॉकसवैगन ने विश्व स्तर पर लगभग 5.12 मिलियन वाहनों की बिक्री की है, और तीसरे स्थान पर स्थित जनरल मोटर्स ने लगभग 4.76 मिलियन वाहनों की बिक्री की है। जब तक कि भारी पैमाने पर हुई उत्सर्जन स्कैंडल ने बिक्री में कमी नहीं हुई, तब तक जर्मन कार निर्माता ने 2015 के पहले 6 महिनों में टोयोटा को आगे की ओर खींच लिया था।
इस वर्ष, टोयोटा ने पहले 6 महिनों में उत्तरी अमेरिका (एक मुख्य बाजार) में अपने वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की है। टोयोटा की लोकप्रिय कार प्रायस हाइब्रिड की बिक्री में भी एक-तिहाई गिरावट आई है।
टोयोटा के वाहनों की बिक्री इस कदर प्रभावित इसलिए हुई है, क्योंकि जापान में आए भूकंप के वजह से वहांके संयंत्र में उत्पादन को रोक दिया गया था। अन्य कुछ कार निर्माताओं की तरह टोयोटा भी अपने वाहनों में पेश किये गये खराब टकाटा एयरबैग के विस्फोट के वजह से देशभर से लाखों वाहनों की वापसी करने के बाद सुरक्षा के मामले में अपने सम्मान को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।
2008 में, टोयोटा ने जनरल मोटर्स द्वारा लम्बे समय से धारण किये हुए ‘दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी’ ताज को अपने नाम कर लिया था, ल्रेकिन बाद में, 2011 में जापान में आए भूकंप-सुनामी के कारण टोयोटा के खराब सप्लाई चेन और प्रभावित उत्पादन के वजह से इसने इस ताज को खो दिया।
2012 में, टोयोटा फिर से अपने वैश्विक पद व ताज को प्राप्त करने के लिए डेट्रॉयट प्रतिद्वंदी, जो शेवरलेट और लक्जरी कैडिलैक ब्रांड के निर्माता है, से आगे निकल गई।