दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विंटेज और क्लासिक कार मालिकों के पास जश्न मनाने का कारण है क्योंकि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पुराने और क्लासिक कारों को 15 साल से अधिक पुराने वाहनों पर प्रतिबंध से स्थायी रूप से छूट मिली है।
इस प्रतिबंध के हटने से पुरानी कार मालिकों के चेहरे पर मुस्कुराहट वापस आई है, जिन्हें नवंबर 2014 से इस क्षेत्र में पुराने वाहनों को चलाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। एनजीटी ने वाहनों पर प्रतिबंध जारी किया था, जो की 15 साल से अधिक पुराने हैं, जिससे खतरनाक वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।
राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) 1989 के नियम 92 (2) (सी) और मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 59 को रिफर किया है, जिसमें विंटेज कारों पर प्रतिबंध लगाया गया है। दिशानिर्देशों के तहत, जिन वाहनों को विंटेज के रूप में वर्गीकृत किया गया है, उन्हें केवल रखरखाव, रैलियों और प्रदर्शनियों के लिए सार्वजनिक सड़कों पर संचालित किया जा सकता है।
रिपोर्ट बताती है कि नियमों में छूट विंटेज और क्लासिक कार मालिकों की ओर से दायर की गई याचिका का परिणाम है, जो की अपने ऐतिहासिक और भावुक मूल्य के आधार पर नियम से छूट के लिए अनुरोध कर रहे हैं।
अदालत ने बताया कि हालांकि अब वाहन को सार्वजनिक सड़कों पर चलने की इजाजत दी जाएगी, लेकिन मालिकों की एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी भी है और उन्हें अधिक पेड़ लगा कर और कूड़ेदान प्रदान करके पर्यावरण के प्रति योगदान करना होगा। इस प्रतिबंध के हटने से देश में 10,000 से अधिक पुराने वाहनों के मालिकों को राहत मिली है। अकेले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में, रिपोर्ट बताती है कि इस श्रेणी में करीब 1200 वाहन हैं।