कार डिजाइन और संशोधन, शायद ही कभी भारत में इसके बारे में लोग चर्चा करते हैं| ताज्जुब की बात यह है की जिस देश में इस विषय पर बात तक नहीं होती है वहीं दूसरी तरफ हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित कार डिजाइनरों में से एक नाम एक भारतीय का है। जी हां हम यहाँ बात कर रहे हैं दुनिया के प्रसिद्ध डीसी डिज़ाइन के संस्थापक दिलीप छाबरिया की।
कार डिजाइन और संशोधन, शायद ही कभी भारत में इसके बारे में लोग चर्चा करते हैं| ताज्जुब की बात यह है की जिस देश में इस विषय पर बात तक नहीं होती है वहीं दूसरी तरफ हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित कार डिजाइनरों में से एक नाम एक भारतीय का है। जी हां हम यहाँ बात कर रहे हैं दुनिया के प्रसिद्ध डीसी डिज़ाइन के संस्थापक दिलीप छाबरिया की।
लगभग दो दशकों के लिए, छाबड़िया आकर्षक कार डिजाइनों के प्रतीक के रूप में जाने जाते रहे है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने कभी कारों को डिजाइन करने के बारे में सोचा तक नहीं था।
वाणिज्य में डिग्री प्राप्त करने के बाद, छाबड़िया एक दिन एक ऑटोमोबाइल पत्रिका पढ़ रहे थे और उन्होंने एक विज्ञापन देखा कि ‘क्या आप एक कार डिजाइनर बनना चाहते है ?”। तभी उन्होंने अपना सामान बांधा और अमेरिका के पैसाडेना में आर्ट सेंटर कॉलेज ऑफ डिजाइन में कार डिजाइन का अध्ययन करने के लिए पहुच गए।
उनका मुख्य विषय परिवहन डिजाइन था। उसके बाद उन्होंने जनरल मोटर्स के साथ काम किया और महसूस किया कि उनके लिये किसी और के लिये ये काम करना या संभव नहीं है और वह भारत में वापस आ गए।
उन्होंने अपना जुनून प्रदर्शित करते हुए कहा था की ” मेरा खाना, पीना ,सोना सब कार ही है “
छाबड़िया की शिक्षा और दृष्टि समय से इतने आगे थे कि टाटा और महिंद्रा कभी भी ये समझ नहीं सके कि वो क्या कर रहे थे। उसके बाद उन्होंने अपने समृद्ध पिता से पूछा कि क्या वो उनकी इस व्यवसाय मेंं मदद करेंगे, जिसके बाद उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए उनके पिता की फैक्ट्री में एक छोटी सी जगह दी गई, साथ मेंं 3 कर्मचारी और एक महीने का समय भी दिया गया। छाबड़िया ने प्रीमियर पद्मिनी कार के लिए एक प्रतिस्थापन बनाया और इसे अपने विश्वास से परे सफलता मिली।
फिर समय आया डीसी अवंती का। रियर व्हील ड्राइव 2 द्वार स्पोर्ट्स कूप के साथ इसे भारत की पहली सुपर कार माना जाता है। यह कार एक लॅम्बोर्गिनी जैसी दिखती थी और इसे 2 लीटर पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित किया जाता था।
2003 में छाबड़िया ने जेम्स-बॉन्ड फिल्मों में उपयोग किये जाने वाली एस्टन मार्टिन डीबी -8 को डिजाइन किया था। वह मॉडल उसी वर्ष जिनेवा मोटर शो में अनावरित किया गया था।
आपको ये जान के ताज्जुब होगा कि दिलीप छाबड़िया ने शाहरुख के तकनीकि वॅन को बनाने के लिए 30,000 घंटे का समय लिया था
जब बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने खुद के लिए कुछ अनोखी और आधुनिक टेक्निक से बनी वॅन सोची तो उन्होंने डीसी डिज़ाइन को फोन किया, जिसके प्रतिष्ठित डिजाइन स्टूडियो में उनका शुरू से विश्वास था।
मुख्य कारण था कि वो ट्रस्टेड ऑटोमोबाइल डिजाइनर दिलीप छाबड़िया ही थे जो शाहरुख के लिए वैनिटी वैन भी बना रहे थेऔर इस बार, अभिनेता असाधारण सा कुछ चाहते थे।
मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपना शौक जो की पेंटिंग है; उसके ऊपर भी काम किया है ताकि जो लोग उनकी कार को खरीद नहीं सकते हैं, वे उनकी कला के माध्यम से डीसी डिजाइन के एक टुकड़े को अपने घर की दीवार पर सजा सकते है।
उनके कारखाने में एक पूर्ण स्टूडियो है जिसमें वे कार बनाने वाली सभी सामग्री जो अपनी कारों में उपयोग करते है जैसे की स्टील, फाइबर ग्लास, ऐक्रेलिक और प्लास्टिक से मूर्तियां भि बनाते हैं। उनकी सारी कला मुंबई, दिल्ली और पुणे में उनके शोरूम में प्रदर्शित की जाती है।
शीर्ष 15 डीसी संशोधित कारों की एक सूची है
लंदन टैक्सी – पुराने लुक को पसंद करने वालों के लिए एक स्टाइलिश, नए डिजाइन बनाई, खासकर उन लोगों के लिये जो सुंदरता और पुराना आकर्षण चाहते हैं
डीसी अवंती – भारत की पहली स्पोर्ट्स कार
सलमान खान का मोबाइल विलासी डिजाइन स्टूडियो
वीआईपी एमबी – राजनेताओं की सवारी और गौरव के लिए अनोखी शैली में डिजाईन की गई कार
पॉर्श केयेने टर्बो कूप – इस शानदार सवारी को और ठाठ जोड़ने के लिए पुन: डिजायन किया
डीसी शहरी थार – उन लोगो के लिए जो खुली हवा का आनंद उठाना पसंद करते है
फॉर्च्यूनर – लक्जरी की सवारी
डीसी गाइया – यह कल्पना से परे स्वरूप 2003 में डिजाइन किया गया था
डीसी पोलो मिड्नाइट – बेहद शानदार स्टाइलिंग
सुजुकी आर 3 – अर्टिगा का एक सपनों वाली कार जैसा बदलाव
एम्बीरॉड
आरिया – लक्जरी के नजरिये से आंतरिक रूपांतर
इम्पेरेटर – एसयूवी और सुपरकारों की एक और परिभाषा
मर्सिडीज 1956 एसएलआर प्रतिकृति 722 – असाधारण इंजन
डीसी एलांट्रा – फ्लुइडिक और अविश्वस्नीय लुक
दिलीप छाबड़िया (डीसी) एक प्रसिद्ध शैली गुरु है, जब कारों को फिर से तैयार करने की बात आती है; आप जरूर ये देखके चौकन्ने हो जाते हैं कि दिलीप छाबड़िया कैसे पुनरावृत्तियों के द्वारा कारों को फैशन में बदल के मंत्रमुग्ध कर देते है । इस बात मे कोइ शक नही है कि पूरे देश के कारों के चाहने वाले लोगों ने डीसी की पुनरावृत्तियों को बहुत सराहा है।